NEW STEP BY STEP MAP FOR पारद शिवलिंग

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पारा इस धरती पर तरल रूप में प्राप्त होता है और पारा प्राकृतिक रूप से काफी जहरीला भी होता है।

जिस घर में पारद शिवलिंग होता है वहां भगवान शिव, माता लक्ष्मी और कुबेर देवता तीनों का वास माना जाता है।

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You'll find many sorts of Shivling revered like a formless incarnation of the great Lord Shiva. About 20 varieties of Shivling are mentioned in the Puranas which can be worshipped for different uses.

 अथर्ववेद के इन निम्न श्लोकों में स्तंभ का उल्लेख हुआ है:

यह भी पढ़ें: शिव जी की तीसरी आँख खुलने का रहस्य।

पारद एक ऐसा शुद्ध पदार्थ माना गया है जो भगवान भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है। इसकी महिमा केवल शिवलिंग से ही नहीं बल्कि पारद के कई और अचूक प्रयोगों के द्वारा भी मानी गयी है।

पश्चिमी हिमालय में अमरनाथ नामक गुफा में प्रत्येक शीत ऋतु में गुफा के तल पर पानी टपकाने से बर्फ का शिवलिंग सृजित होता है। यह तीर्थयात्रियों में बहुत लोकप्रिय है।

उस पर मेरी कृपा सदा बनी रहेगी



पूजा स्थल को साफ़ करके वहां गंगाजल छिड़कें।

श्रावण महीने में शिव पूजा बहुत ही लाभदायक है। यदि आपको पारद शिवलिंग मिल जाए तो आपके परम सौभाग्य की बात है। श्रावण मास में पारद शिवलिंग लाकर अपने पूजा स्थल पर parad shivling price स्थापित करें। यदि आपके मंदिर में शिव परिवार अथवा पार्वती-शिव की तस्वीर है तो पारद शिवलिंग को उन्हीं के समक्ष स्थापित करें। चांदी, तांबा अथवा पीतल की प्लेट में सफेद वस्त्र बिछाकर उन्हें विराजमान करें। उससे पहले उन्हें गंगाजल से शुद्ध करें। भगवान शिव के मंत्रों से उनका आह्वान करें। ’ओम् नमः शिवाय। ओम् त्रयंबकम् यजामहे सुगंधिम् पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनात् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्’ आदि मंत्रों से एक अथवा दो माला का जाप करके उन्हें अपने आसन पर विराजमान करें। प्रातः अपनी नियमित पूजा के साथ साथ उन पर गंगाजल, धूप-दीप, पुष्प आदि चढ़ाएं अथवा चंदन का लेप करें एवं प्रार्थना करें।

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